जयपुर, 10 जून: राजस्थान की तपती रेत पर अब घुसपैठ करना आसान नहीं होगा। भारत सरकार ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 1070 किलोमीटर लंबी स्मार्ट फेंसिंग का निर्माण शुरू कर दिया है, जो आधुनिक तकनीक से लैस होकर देश की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जा रही है।
🛡 क्या है स्मार्ट फेंसिंग?
यह कोई साधारण तारबंदी नहीं, बल्कि एक हाई-टेक सिक्योरिटी वॉल है जिसमें CCTV कैमरे, मोशन सेंसर, ऐंटी-कट वायरिंग, और कोबरा वायर का उपयोग किया जा रहा है। यह घुसपैठियों को दूर से पहचान लेती है और बीएसएफ को तुरंत अलर्ट भेज देती है।
📍 कहां-कहां हो रहा है स्मार्ट फेंसिंग का काम?
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श्रीगंगानगर: 210 किमी की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, घुसपैठ की आशंका अधिक रहती है। यहाँ पर स्मार्ट फेंसिंग का काम जोरों पर है।
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बीकानेर: 168 किमी सीमा पर काम शुरू।
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जैसलमेर: 464 किमी बॉर्डर पर सुरक्षा को नई मजबूती।
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बाड़मेर: 228 किमी सीमा अब हाई-टेक निगरानी में।
🔍 स्मार्ट फेंसिंग की खासियतें:
💬 बीएसएफ का बड़ा बयान:
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, "यह फेंसिंग सिर्फ एक दीवार नहीं, बल्कि पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का जवाब है। नई तकनीक से अब हम रियल टाइम रेस्पॉन्स दे सकेंगे और घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम करेंगे।"
🔥 थार की गर्मी में भी जवान डटे हैं
जहां दिन में तापमान 44°C तक पहुंच जाता है, वहीं हमारे सीमा सुरक्षा बल के जवान पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं। स्मार्ट फेंसिंग उनकी मेहनत को और ताकत देगी, ताकि हमारी सीमाएं हमेशा सुरक्षित रहें।
🤝 सरकार की मजबूत पहल:
भारत सरकार की इस परियोजना से यह स्पष्ट है कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं। स्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट से न सिर्फ घुसपैठ रुकेगी, बल्कि ड्रग्स स्मगलिंग, हथियार तस्करी और अवैध व्यापार पर भी लगाम लगेगी।
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